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Section 79 BNS in Hindi- किसी महिला की शील का अपमान करने के इरादे से कोई शब्द, इशारा या कार्य।
जो कोई भी किसी महिला की शील का अपमान करने के इरादे से कोई शब्द बोलता है, कोई ध्वनि या इशारा करता है, या किसी भी रूप में कोई वस्तु प्रदर्शित करता है, जिसका उद्देश्य ऐसी महिला द्वारा ऐसा शब्द या ध्वनि सुनी जाए, या ऐसा इशारा या वस्तु देखी जाए, या ऐसी महिला की गोपनीयता में दखल देता है, उसे तीन साल तक की अवधि के लिए साधारण कारावास और जुर्माने से दंडित किया जाएगा।
BNSS वर्गीकरण
- 3 साल के लिए साधारण कारावास और जुर्माना।
- संज्ञेय
- जमानती
- किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय
Section 79 BNS in English
Word, gesture or act intended to insult the modesty of a woman.
Whoever, intending to insult the modesty of any woman, utters any words, makes any sound or gesture, or exhibits any object in any form, intending that such word or sound shall be heard, or that such gesture or object shall be seen, by such woman, or intrudes upon the privacy of such woman, shall be punished with simple imprisonment for a term which may extend to three years, and also with fine.
BNSS Classification
- Simple imprisonment for 3 years and fine.
- Cognizable
- Bailable
- Triable by Any Magistrate

🔍 बीएनएस धारा 79 – किसी महिला की शील का अपमान करने के इरादे से कोई शब्द, इशारा या कार्य
(Section 79 of Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023)
📜 धारा 79 का उद्देश्य (Purpose of Section 79 BNS in Hindi)
यह धारा महिलाओं की गरिमा और निजता की रक्षा के लिए बनाई गई है। इसका मकसद है कि कोई भी व्यक्ति किसी महिला की शील (modesty) का उल्लंघन न करे, चाहे वह शब्दों, ध्वनि, इशारों या किसी वस्तु के प्रदर्शन के माध्यम से हो।
⚖️ धारा 79 का कानूनी प्रावधान (Legal Provision in Hindi)
जो कोई किसी महिला की शील का अपमान करने के इरादे से—
- कोई शब्द बोलता है,
- कोई ध्वनि करता है,
- कोई इशारा करता है,
- या किसी भी रूप में कोई वस्तु प्रदर्शित करता है,
जिसका उद्देश्य यह होता है कि वह महिला उस शब्द या ध्वनि को सुने या वह इशारा या वस्तु देखे, या उसकी गोपनीयता में दखल होता है,
तो वह व्यक्ति अधिकतम 3 वर्ष तक के साधारण कारावास और जुर्माने से दंडनीय होगा।
⚖️ BNSS के अनुसार वर्गीकरण:
विशेषता | विवरण |
---|---|
दंड | 3 साल तक साधारण कारावास + जुर्माना |
प्रकृति | संज्ञेय अपराध (Cognizable) |
जमानत | जमानती (Bailable) |
विचारणीयता | किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय |
🔑 मुख्य तत्व (Key Ingredients to Attract Section 79 BNS in Hindi)
- पीड़िता महिला होनी चाहिए
- आरोपी ने शब्द, ध्वनि, इशारा या वस्तु का प्रदर्शन किया हो
- उसका उद्देश्य शील का अपमान या निजता में दखल रहा हो
- महिला ने उसे सुना या देखा हो, या ऐसी संभावना हो
🚨 पुलिस इस धारा का उपयोग कैसे करती है (How Police Use It)
- महिला की शिकायत मिलते ही FIR दर्ज की जाती है, क्योंकि यह संज्ञेय अपराध है।
- CCTV, ऑडियो रिकॉर्डिंग, गवाहों की गवाही, चैट्स, व्हाट्सएप मैसेज आदि को सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
- कभी-कभी पुलिस इस धारा का इस्तेमाल बोलचाल की छेड़छाड़ या स्टॉकिंग के मामलों में भी करती है।
👉 ऐसे मामलों में यदि सही कानूनी सलाह न मिले तो निर्दोष व्यक्ति भी फंस सकता है। अधिवक्ता सुधीर राव जैसे अनुभवी वकील इन मामलों में पीड़ित पक्ष और आरोपी दोनों के लिए महत्वपूर्ण रणनीति बनाकर केस को प्रभावित कर सकते हैं।
👩⚖️ यदि आप शिकायतकर्ता (Complainant) हैं, तो ध्यान रखें:
- FIR दर्ज कराने में देरी न करें
- सभी सबूत जैसे मैसेज, रिकॉर्डिंग, वीडियो, गवाहों के नाम सुरक्षित रखें
- FIR के बाद यदि पुलिस निष्क्रिय हो तो धारा 156(3) CrPC के तहत कोर्ट में याचिका दायर की जा सकती है
- किसी अनुभवी वकील जैसे अधिवक्ता सुधीर राव से मार्गदर्शन लें ताकि केस मज़बूती से चले
🧑⚖️ यदि आप आरोपी या संदिग्ध (Accused or Suspect) हैं, तो ध्यान रखें:
- FIR दर्ज होते ही तुरंत जमानत के लिए आवेदन करें
- महिला द्वारा लगाए गए आरोपों के मंशा (intention) को चुनौती दें
- CCTV, कॉल रिकॉर्ड्स, मैसेज आदि से अपना बचाव तैयार करें
- अनुभवी आपराधिक वकील जैसे वकील सुधीर राव से सलाह लें जो इन मामलों में टेक्निकल डिफेंस तैयार कर सकते हैं
⚖️ एक वकील कैसे मदद कर सकता है?
- अगर आप आरोपी हैं तो वकील मंशा की कमी, साक्ष्य की कमजोरी, या गवाही में विरोधाभास के आधार पर बचाव तैयार करता है
- अगर आप शिकायतकर्ता हैं, तो वकील सुनिश्चित करेगा कि मजबूत चार्जशीट, प्रॉपर गवाही और तेज़ ट्रायल हो
- इस तरह के मामलों में अधिवक्ता सुधीर राव जैसे विशेषज्ञ का मार्गदर्शन लेने से न केवल न्याय की संभावना बढ़ती है, बल्कि ग़लत गिरफ्तारी और अपमान से भी बचा जा सकता है
❓ पूछे गए आम प्रश्न (FAQs):
🔹 क्या महिला द्वारा मौखिक टिप्पणी को लेकर FIR दर्ज कराई जा सकती है?
हाँ, यदि शब्दों का उद्देश्य महिला की शील का अपमान करना है, तो FIR दर्ज हो सकती है।
🔹 क्या पुरुष इस धारा का शिकार बन सकते हैं झूठे मामलों में?
हाँ, कई बार यह धारा झूठे आरोपों में भी लगाई जाती है, इसलिए सही कानूनी परामर्श जरूरी है।
🔹 क्या इस धारा में गिरफ्तारी तुरंत हो सकती है?
हो सकती है, क्योंकि यह संज्ञेय अपराध है। लेकिन जमानत योग्य है और अदालत से राहत मिल सकती है।
🔹 क्या यह मामला आपराधिक शील भंग के मामले जैसा है?
यह धारा शील का अपमान (Insult to modesty) से संबंधित है, बलात्कार जैसे अपराधों से अलग है।
✅ निष्कर्ष:
BNS Section 79 एक ऐसा प्रावधान है जो महिलाओं की गरिमा की सुरक्षा करता है, लेकिन अगर इसका दुरुपयोग हो तो निर्दोष व्यक्ति को फँसाया जा सकता है। इस धारा में आरोप गंभीर माने जाते हैं और केस की रणनीति बेहद संवेदनशील होती है।
चाहे आप शिकायतकर्ता हों या आरोपी, इस धारा में सबसे बड़ी ज़रूरत होती है एक अनुभवी और रणनीतिक सोच रखने वाले वकील की — और इसी जगह अधिवक्ता सुधीर राव का अनुभव और समझ आपको एक निर्णायक बढ़त दे सकते हैं।
