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Section 74 BNS in Hindi – महिला की लज्जा/शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला करना या आपराधिक बल का प्रयोग करना।
जो कोई किसी महिला पर हमला करता है या आपराधिक बल का प्रयोग करता है, जिसका उद्देश्य उसका अपमान करना है या यह जानते हुए कि वह ऐसा करके उसकी शील भंग करेगा, उसे कम से कम एक वर्ष की अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा, लेकिन जो पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और जुर्माना भी देना होगा।
BNSS वर्गीकरण
- 1 वर्ष का कारावास जो 5 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना।
- संज्ञेय
- गैर-जमानती
- किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय
Section 74 BNS in English
Whoever assaults or uses criminal force to any woman, intending to outrage or knowing it to be likely that he will there by outrage her modesty, shall be punished with imprisonment of either description for a term which shall not be less than one year but which may extend to five years, and shall also be liable to fine.
BNSS Classification
- Imprisonment for 1 year which may extend to 5 years and fine.
- Cognizable
- Non-bailable
- Triable by Any Magistrate

धारा 74 (Section 74 BNS in Hindi): कानूनी भाषा में क्या कहती है
“जो कोई किसी स्त्री पर आक्रमण करता है या आपराधिक बल का प्रयोग करता है, इस आशय से कि वह उसकी लज्जा भंग करेगा, या यह जानते हुए कि ऐसा करने से उसकी लज्जा भंग हो सकती है, उसे एक वर्ष से कम नहीं की कारावास होगी, जो पाँच वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है, और साथ ही वह जुर्माना भरने के लिए भी दायित्व होगा।”
🔍 मुख्य बिंदु (Key Elements of Section 74 BNS in Hindi)
घटक | विवरण |
---|---|
🔸 अपराध | किसी महिला पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग उसकी लज्जा भंग करने के इरादे से या यह जानते हुए कि ऐसा हो सकता है। |
🔸 सजा | न्यूनतम 1 वर्ष की सजा, अधिकतम 5 वर्ष तक + जुर्माना |
🔸 प्रकृति | संज्ञेय (Cognizable) – पुलिस बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है |
🔸 ज़मानत | गैर-जमानती (Non-bailable) |
🔸 विचारणीय | किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय |
📌 Section 74 BNS in Hindi के तहत किन कार्यों को अपराध माना जाता है?
इस धारा का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की लज्जा (modesty) की रक्षा करना है। यदि कोई पुरुष जानबूझकर या यह जानते हुए कि उसकी हरकत महिला की मर्यादा को ठेस पहुँचा सकती है, कोई कृत्य करता है, तो वह इस धारा के अंतर्गत आता है।
✅ यहां कुछ आम आपराधिक कृत्य हैं जो इस धारा (Section 74 BNS in Hindi) के तहत आते हैं:
⚖️ आपराधिक कृत्य | 📋 विवरण |
---|---|
🔸 बिना सहमति शरीर को छूना (Unwanted Touching) | यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर महिला को गलत तरीके से छूता है, विशेष रूप से संवेदनशील अंगों को |
🔸 शारीरिक हमला (Physical Assault) | महिला को धक्का देना, पकड़ना, कपड़े खींचना या जबरन पकड़ना |
🔸 यौन इशारे या हरकतें (Sexual Gestures) | जैसे अश्लील हरकत करना, सामने अशोभनीय तरीके से व्यवहार करना |
🔸 कपड़े खींचना या उतारने की कोशिश करना | महिला की अनुमति के बिना उसके कपड़ों से छेड़छाड़ करना |
🔸 जबरदस्ती गले लगाना या किस करने की कोशिश | बिना सहमति के शारीरिक संपर्क करना |
🔸 छेड़छाड़ (Eve Teasing) का गंभीर रूप | लगातार पीछा करना, अश्लील फब्तियाँ कसना, घूरना |
🔸 महिला के शारीरिक अंगों पर टिप्पणी करना या संकेत देना | जैसे बुरे शब्द कहना, अभद्र भाषा या गंदे मजाक करना |
🔸 महिला को अपमानित करने की नीयत से उसके करीब आना | जानबूझकर महिला को असहज करने के लिए पास जाकर खड़ा होना |
🔸 आपराधिक बल का प्रयोग करना (Use of Criminal Force) | महिला की मर्जी के बिना उसे खींचना, घसीटना या नियंत्रित करना |
👮♂️ पुलिस इस धारा (Section 74 BNS in Hindi) का उपयोग कैसे करती है
- यदि किसी महिला की ओर से शिकायत मिलती है कि उसके साथ छेड़छाड़ या जोर जबरदस्ती हुई है जिससे उसकी लज्जा भंग हुई, तो पुलिस तुरंत FIR दर्ज कर सकती है।
- कोई भी हरकत जो महिला को अशोभनीय स्थिति में डालती है – जैसे बिना सहमति छूना, अश्लील इशारे करना, ज़बरदस्ती पकड़ना, कपड़े खींचना, आदि — पुलिस इसे धारा 74 BNS के अंतर्गत दर्ज करती है।
- CCTV फुटेज, गवाहों के बयान और मेडिकल रिपोर्ट को जांच का हिस्सा बनाया जाता है।
🛡️ आरोपी/संदिग्ध के लिए क्या करें – बचाव कैसे करें
जब आप पर धारा 74 के तहत आरोप लगता है, तो हर शब्द और हर कदम बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस समय सही कानूनी सलाह ही आपका सबसे बड़ा हथियार होता है।
✔️ बचाव के लिए उपाय (Section 74 BNS in Hindi)
- तुरंत किसी अनुभवी वकील से संपर्क करें। इस प्रकार के मामलों में Advocate Sudhir Rao जैसे विशेषज्ञों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, जो जानते हैं कि पुलिस की जांच और कोर्ट की कार्यवाही को कैसे नियंत्रित किया जाए।
- बयान देते समय सतर्क रहें। भावनाओं में आकर कुछ ऐसा न कहें जो बाद में आपके खिलाफ जा सकता हो।
- CCTV, चैट्स, कॉल रिकॉर्ड्स आदि जैसे साक्ष्य जुटाएँ जो यह साबित कर सकें कि आरोप झूठा है या आपकी मंशा गलत नहीं थी।
- यदि महिला की शिकायत में विरोधाभास हो, या गवाह विश्वसनीय न हों, तो Advocate Sudhir Rao जैसे अनुभवी वकील cross-examination में इस झूठ को सामने ला सकते हैं।
🙋♀️ यदि आप शिकायतकर्ता (Complainant) हैं – ध्यान देने योग्य बातें
- सबसे पहले, अपनी शिकायत लिखित में दर्ज करें और FIR की एक प्रति लें।
- मेडिकल परीक्षण कराना महत्वपूर्ण है जिससे बाद में आपके पक्ष में साक्ष्य रहे।
- अपनी बात विस्तार से और स्पष्ट रूप से बताएं — कब, कहां, कैसे घटना हुई, कौन-कौन मौजूद था।
- अगर आप कानूनी सलाह ले रहे हैं, तो Advocate Sudhir Rao जैसे अनुभवी अधिवक्ताओं की मदद लें जो आपकी ओर से महिला आयोग और कोर्ट में प्रभावशाली प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।
⚖️ एक कुशल वकील कैसे मदद कर सकता है
- Advocate Sudhir Rao जैसे विशेषज्ञ इस धारा में लगे मुकदमों को बारीकी से समझते हैं — चाहे वह झूठे आरोपों से बचाव हो या सही आरोपों में न्याय दिलवाना।
- वे यह सुनिश्चित करते हैं कि कोर्ट के सामने केवल वैध और स्वीकार्य साक्ष्य प्रस्तुत हों और आरोप सिद्ध होने से पहले ही उसे चुनौती दी जाए।
- जमानत याचिका, FIR quash petition, और anticipatory bail जैसे उपायों को समय रहते दायर करके गिरफ्तारी से बचाया जा सकता है।
🔑 इस धारा के तहत मामला दर्ज होने के लिए आवश्यक तत्व (Key Ingredients)
- आरोपी द्वारा आक्रमण (Assault) या आपराधिक बल (Criminal Force) का प्रयोग किया गया हो।
- वह कृत्य किसी महिला के प्रति हुआ हो।
- आरोपी का इरादा महिला की लज्जा भंग करना हो या उसे पता हो कि ऐसा करने से लज्जा भंग हो सकती है।
- घटना के दौरान महिला की मर्जी के बिना हुआ व्यवहार।
यदि इन तत्वों में से कोई भी महत्वपूर्ण घटक अनुपस्थित है, तो Advocate Sudhir Rao इसे अदालत में एक ठोस बचाव के रूप में उठा सकते हैं।
🧠 सावधानी और बचाव के कुछ और सुझाव (Section 74 BNS in Hindi)
स्थिति | सुझाव |
---|---|
झूठे आरोप लगें | चुप न बैठें, कानूनी प्रतिनिधित्व लें |
वास्तविक घटना हुई हो | सबूतों को छुपाएं नहीं, बल्कि सही तरीके से पेश करें |
दोनों पक्षों में सहमति रही हो | चैट्स, कॉल रिकॉर्डिंग जैसे डिजिटल साक्ष्य सुरक्षित रखें |
🔍 सबसे ज़्यादा पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1. क्या किसी महिला की सिर्फ शिकायत पर पुलिस गिरफ्तार कर सकती है?
हाँ, चूंकि यह संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध है, इसलिए पुलिस FIR के आधार पर गिरफ्तारी कर सकती है। परंतु Advocate Sudhir Rao जैसे कानूनी विशेषज्ञ anticipatory bail के माध्यम से गिरफ्तारी से पहले ही राहत दिलवा सकते हैं।
Q2. अगर लड़की ने झूठा केस दर्ज किया हो तो क्या करें?
सबसे पहले झूठे केस को सिद्ध करने के लिए साक्ष्य जुटाएं, और फिर Advocate Sudhir Rao की मदद से FIR quash petition हाई कोर्ट में दायर करें।
Q3. क्या ऐसे केस में समझौता हो सकता है?
चूंकि यह अपराध महिला की गरिमा से जुड़ा है, इसलिए कोर्ट समझौते को हमेशा स्वीकार नहीं करता। फिर भी यदि मामला गलतफहमी या आपसी सहमति का हो, तो कोर्ट में compoundable करने का प्रयास किया जा सकता है।
🔚 निष्कर्ष (Conclusion)
BNS की धारा 74 उन अपराधों को कवर करती है जो महिलाओं की गरिमा के विरुद्ध हैं। हालांकि कई बार इस धारा का दुरुपयोग भी होता है। ऐसे में सच और झूठ के बीच फर्क करना और न्याय की दिशा में ठोस कदम उठाना आवश्यक होता है।
यदि आप ऐसे किसी मामले में फंस गए हैं या शिकायत दर्ज करानी है, तो समय की बर्बादी न करें — Advocate Sudhir Rao जैसे अनुभवी अधिवक्ता से संपर्क करें, जो आपकी सुरक्षा और न्याय की लड़ाई को सही दिशा में ले जा सकते हैं।
