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Section 64 BNS in Hindi – बलात्कार के लिए सज़ा
IPC धारा 376
- जो कोई, उपधारा (2) में उपबंधित मामलों के सिवाय, बलात्कार करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कठोर कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम नहीं होगी, किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।
- जो कोई भी,
- पुलिस अधिकारी बनकर बलात्कार करता है,
- उस पुलिस थाने की सीमा के भीतर जहां ऐसा पुलिस अधिकारी नियुक्त किया गया है; या
- किसी भी थाना परिसर में; या
- ऐसे पुलिस अधिकारी की अभिरक्षा में या ऐसे पुलिस अधिकारी के अधीनस्थ किसी पुलिस अधिकारी की अभिरक्षा में किसी महिला पर; या
- लोक सेवक होते हुए, ऐसे लोक सेवक की अभिरक्षा में या ऐसे लोक सेवक के अधीनस्थ किसी लोक सेवक की अभिरक्षा में किसी स्त्री से बलात्कार करेगा; या
- केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार द्वारा किसी क्षेत्र में तैनात सशस्त्र बलों का सदस्य होते हुए ऐसे क्षेत्र में बलात्कार करता है; या
- किसी जेल, रिमांड होम या किसी कानून के तहत स्थापित हिरासत के अन्य स्थान या किसी महिला या बच्चों की संस्था के प्रबंधन या कर्मचारी वर्ग में होते हुए, ऐसी जेल, रिमांड होम, स्थान या संस्था के किसी कैदी के साथ बलात्कार करता है; या
- किसी अस्पताल के प्रबंधन या स्टाफ में होते हुए, उस अस्पताल में किसी महिला के साथ बलात्कार करता है; या
- उस स्त्री का संबंधी, अभिभावक या शिक्षक होते हुए, या उस स्त्री के प्रति विश्वास या प्राधिकार की स्थिति में रहने वाला व्यक्ति होते हुए, उस स्त्री से बलात्कार करता है; या
- सांप्रदायिक या संप्रदायिक हिंसा के दौरान बलात्कार करता है; या
- यह जानते हुए कि कोई महिला गर्भवती है, उससे बलात्कार करना; या
- सहमति देने में असमर्थ किसी महिला के साथ बलात्कार करता है; या
- किसी महिला पर नियंत्रण या प्रभुत्व की स्थिति में होते हुए, उस महिला से बलात्कार करता है; या
- मानसिक बीमारी या शारीरिक विकलांगता से पीड़ित महिला के साथ बलात्कार करता है; या
- बलात्कार करते समय किसी महिला को गंभीर शारीरिक क्षति पहुंचाता है या उसे अपंग या विकृत करता है या उसके जीवन को खतरे में डालता है; या
- एक ही स्त्री के साथ बार-बार बलात्कार करेगा, उसे कठोर कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम नहीं होगी, किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, जिसका अर्थ उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास होगा, और वह जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
- पुलिस अधिकारी बनकर बलात्कार करता है,
स्पष्टीकरण: इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए,
- “सशस्त्र बल” का तात्पर्य नौसेना, सेना और वायु सेना से है और इसमें किसी भी कानून के तहत गठित सशस्त्र बलों का कोई भी सदस्य शामिल है, जिसमें अर्धसैनिक बल और कोई भी सहायक बल शामिल हैं जो केंद्र सरकार या राज्य सरकार के नियंत्रण में हैं;
- “अस्पताल” का अर्थ अस्पताल का परिसर है और इसमें स्वास्थ्य लाभ के दौरान या चिकित्सा देखभाल या पुनर्वास की आवश्यकता वाले व्यक्तियों के स्वागत और उपचार के लिए किसी भी संस्थान का परिसर शामिल है;
- “पुलिस अधिकारी” का वही अर्थ होगा जो पुलिस अधिनियम, 1861 के तहत “पुलिस” अभिव्यक्ति को दिया गया है;
- “महिलाओं या बच्चों की संस्था” से तात्पर्य किसी संस्था से है, चाहे उसे अनाथालय कहा जाए या उपेक्षित महिलाओं या बच्चों के लिए गृह या विधवा आश्रम या किसी अन्य नाम से पुकारा जाने वाला संस्थान, जो महिलाओं या बच्चों के स्वागत और देखभाल के लिए स्थापित और अनुरक्षित है।
बीएनएसएस वर्गीकरण
- धारा 64(1) – किसी भी भांति का कठोर कारावास, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम नहीं होगी, किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।
- 64(2) – कम से कम 10 वर्ष के लिए कठोर कारावास, लेकिन जो आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकेगा, जिसका अर्थ उस व्यक्ति का शेष प्राकृतिक जीवनकाल होगा और जुर्माना।
- उपलब्ध किया हुआ
- गैर जमानती
- सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय

Section 64 BNS in English – Punishment for rape.
IPC Section 376
- Whoever, except in the cases provided for in sub-section (2), commits rape, shall be punished with rigorous imprisonment of either description for a term which shall not be less than ten years, but which may extend to imprisonment for life, and shall also be liable to fine.
- Whoever,
- being a police officer, commits rape,
- within the limits of the police station to which such police officer is appointed; or
- in the premises of any station house; or
- on a woman in such police officer’s custody or in the custody of a police officer subordinate to such police officer; or
- being a public servant, commits rape on a woman in such public servant’s custody or in the custody of a public servant subordinate to such public servant; or
- being a member of the armed forces deployed in an area by the Central Government or a State Government commits rape in such area; or
- being on the management or on the staff of a jail, remand home or other place of custody established by or under any law for the time being in force or of a women’s or children’s institution, commits rape on any inmate of such jail, remand home, place or institution; or
- being on the management or on the staff of a hospital, commits rape on a woman in that hospital; or
- being a relative, guardian or teacher of, or a person in a position of trust or authority towards the woman, commits rape on such woman; or
- commits rape during communal or sectarian violence; or
- commits rape on a woman knowing her to be pregnant; or
- commits rape, on a woman incapable of giving consent; or
- being in a position of control or dominance over a woman, commits rape on such woman; or
- commits rape on a woman suffering from mental illness or physical disability; or
- while committing rape causes grievous bodily harm or maims or disfigures or endangers the life of a woman; or
- commits rape repeatedly on the same woman, shall be punished with rigorous imprisonment for a term which shall not be less than ten years, but which may extend to imprisonment for life, which shall mean imprisonment for the remainder of that person’s natural life, and shall also be liable to fine.
- being a police officer, commits rape,
Explanation: For the purposes of this sub-section,
- “armed forces” means the naval, army and air forces and includes any member of the Armed Forces constituted under any law for the time being in force, including the paramilitary forces and any auxiliary forces that are under the control of the Central Government or the State Government;
- “hospital” means the precincts of the hospital and includes the precincts of any institution for the reception and treatment of persons during convalescence or of persons requiring medical attention or rehabilitation;
- “police officer” shall have the same meaning as assigned to the expression “police” under the Police Act, 1861;
- “women’s or children’s institution” means an institution, whether called an orphanage or a home for neglected women or children or a widow’s home or an institution called by any other name, which is established and maintained for the reception and care of women or children.
BNSS Classification
- 64(1) – Rigorous imprisonment of either description for a term which shall not be less than ten years, but which may extend to imprisonment for life, and shall also be liable to fine.
- 64(2) – Rigorous imprisonment for not less than 10 years but which may extend to imprisonment for life which shall mean the remainder of that person’s natural life and fine.
- Cognizable
- Non-bailable
- Triable by Court of Session
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64 का विस्तृत विश्लेषण
(पूर्ववर्ती IPC की धारा 376 से संबद्ध)
🔴 धारा 64 बीएनएस: बलात्कार के लिए सज़ा
Section 64 BNS सख्त और विशिष्ट दंड प्रावधानों के माध्यम से बलात्कार जैसे जघन्य अपराध को नियंत्रित करने का कार्य करती है। यह धारा उन स्थितियों पर विशेष जोर देती है जहाँ अपराधी समाज में प्रभावशाली पद पर होता है — जैसे पुलिसकर्मी, सरकारी सेवक, अस्पताल या जेल कर्मी आदि।
📌 मुख्य बिंदु (Key Points Section 64 BNS in Hindi):
बिंदु | विवरण |
---|---|
धारा | BNS धारा 64 (पूर्ववर्ती IPC 376) |
अपराध | बलात्कार |
प्रकृति | संज्ञेय (Cognizable), गैर-जमानती (Non-bailable) |
विचारणीय न्यायालय | सत्र न्यायालय (Court of Session) |
सजा | न्यूनतम 10 वर्ष का कठोर कारावास, अधिकतम आजीवन कारावास (शेष जीवनकाल तक) + जुर्माना |
विशेष परिस्थितियाँ | जब अपराधी पुलिसकर्मी, लोक सेवक, शिक्षक, संरक्षक, अस्पताल कर्मी, या अन्य शक्तिपद पर हो |
⚖️ इस धारा (Section 64 BNS in Hindi) का पुलिस द्वारा उपयोग कैसे होता है:
- एफआईआर दर्ज होते ही गिरफ्तारी: चूंकि यह संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध है, इसलिए पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तारी कर सकती है।
- मे़डिकल परीक्षण: पीड़िता व आरोपी दोनों का मेडिकल परीक्षण अनिवार्य होता है।
- जमानत बहुत मुश्किल: अभियुक्त को जमानत मिलना कठिन होता है, विशेष रूप से जब मामला 64(2) की श्रेणी में आता है।
- सीआरपीसी की धारा 164 के अंतर्गत पीड़िता का बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराया जाता है।
🛡️ अगर आप आरोपी हैं, तो क्या करें (Defence Strategy in Section 64 BNS in Hindi):
- चुप रहें, पुलिस के सामने कोई बयान न दें बिना वकील के सलाह के।
- सबूत जुटाएं: कॉल रिकॉर्ड, लोकेशन डेटा, गवाहों की सूची आदि।
- गलत फंसाए जाने के सबूत हों तो जल्द कोर्ट में याचिका दायर करें।
- FSL रिपोर्ट, CCTV फुटेज आदि से अपनी स्थिति स्पष्ट करें।
➡ जैसा कि अधिवक्ता सुधीर राव जैसे अनुभवी वकील समझाते हैं, ऐसे मामलों में तत्काल कानूनी सलाह लेना ही सबसे प्रभावी बचाव होता है। उन्होंने कई मामलों में पीड़ितों और निर्दोष आरोपियों की रक्षा सफलतापूर्वक की है।
✅ अगर आप शिकायतकर्ता/पीड़िता हैं, तो ध्यान रखें:
- तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं (FIR)।
- मेडिकल जांच बिना देरी कराएं।
- घटना से संबंधित विवरण जैसे समय, स्थान, आरोपी की पहचान आदि स्पष्ट रूप से बताएं।
- साक्ष्यों की सुरक्षा करें (जैसे कपड़े, मोबाइल, चैट्स आदि)।
- मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान देते समय पूरा सच बताएं।
➡ अधिवक्ता सुधीर राव की राय में, यदि पीड़िता को न्यायिक प्रक्रिया में डर या संकोच हो, तो उन्हें महिला वकील या समर्पित सहायता केंद्र से जुड़कर आगे बढ़ना चाहिए। सुधीर राव ने कई ऐसे मामलों में पीड़िताओं को न्याय दिलाया है जहां उन्हें शक्तिशाली लोगों के विरुद्ध लड़ना पड़ा।
🔍 इस धारा को आकर्षित करने के लिए आवश्यक मुख्य तत्व (Key Ingredients Section 64 BNS in Hindi):
- बलात्कार की परिभाषा: महिला की इच्छा के विरुद्ध, या सहमति के बिना, या जब सहमति धोखे से प्राप्त की गई हो।
- सहमति की अनुपस्थिति या असमर्थता: नशे, बेहोशी, मानसिक विकलांगता, या नाबालिग होने की स्थिति।
- विशेष परिस्थितियाँ: जब आरोपी पुलिसकर्मी, डॉक्टर, शिक्षक, संरक्षक, या किसी महिला पर नियंत्रण की स्थिति में हो।
- घटना के दौरान गंभीर शारीरिक चोट या बार-बार अपराध करना।
📈 सबसे ज़्यादा पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs abour Section 64 BNS in Hindi):
Q1. क्या बलात्कार के आरोप में अग्रिम जमानत मिल सकती है?
➡ सिद्धांततः मिल सकती है, लेकिन BNS धारा 64 के तहत लगे आरोपों में जमानत मिलना मुश्किल होता है।
➡ अधिवक्ता सुधीर राव बताते हैं कि कोर्ट आरोपी की सामाजिक स्थिति, प्राथमिक जांच रिपोर्ट और पीड़िता के बयान को गंभीरता से देखता है।
Q2. अगर कोई झूठा बलात्कार का केस करता है तो क्या सज़ा है?
➡ झूठे मामले के खिलाफ IPC 182, 211, या बीएनएस की अन्य धाराओं में शिकायत दर्ज की जा सकती है।
➡ इसमें कारावास और जुर्माना दोनों का प्रावधान है।
Q3. क्या पति-पत्नी के बीच बलात्कार संभव है?
➡ भारतीय कानून अभी वैवाहिक बलात्कार को अपराध के रूप में नहीं मानता, जब तक पत्नी नाबालिग न हो या खास परिस्थिति न हो।
Q4. क्या पीड़िता बाद में केस वापस ले सकती है?
➡ बलात्कार के मामले में समझौता या केस वापसी की अनुमति कोर्ट के विवेक पर निर्भर करती है। ज़्यादातर मामलों में यह मना किया जाता है।
🎯 निष्कर्ष:
बीएनएस की धारा 64 समाज में महिला सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बहुत कठोर और स्पष्ट कानून है। चाहे आप आरोपी हों या शिकायतकर्ता, बिना देरी के कानूनी विशेषज्ञ से सलाह लेना अनिवार्य है।
➡ यदि आप इस धारा से संबंधित किसी भी स्थिति का सामना कर रहे हैं, तो अधिवक्ता सुधीर राव जैसे अनुभवी आपराधिक वकील से संपर्क करना आपकी सबसे बड़ी सुरक्षा हो सकती है। उनका अनुभव, संवेदनशीलता और कानून की गहरी समझ, आपको न्याय दिलाने में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।
