Section in THE BHARATIYA NYAYA SANHITA, 2023 – BNS

BNS Section 358 in Hindi

निरसन और बचत

(1) भारतीय दंड संहिता को इसके द्वारा निरस्त किया जाता है।

(2) उप-धारा (1) में निर्दिष्ट संहिता के निरसन के बावजूद, इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा, –

(ए) इस प्रकार निरस्त की गई संहिता की पिछली कार्रवाई या उसके तहत विधिवत किया गया कुछ भी या भुगतना; या
(बी) इस प्रकार निरस्त संहिता के तहत अर्जित, उपार्जित या उपगत कोई भी अधिकार, विशेषाधिकार, दायित्व या दायित्व; या
(सी) इस प्रकार निरस्त की गई संहिता के विरुद्ध किए गए किसी भी अपराध के संबंध में कोई जुर्माना, या सजा; या
(डी) ऐसे किसी दंड, या सज़ा के संबंध में कोई जांच या उपाय; या
(ई) उपरोक्त किसी भी दंड या सजा के संबंध में कोई कार्यवाही, जांच या उपाय, और ऐसी कोई कार्यवाही या उपाय शुरू किया जा सकता है, जारी रखा जा सकता है या लागू किया जा सकता है, और ऐसा कोई जुर्माना लगाया जा सकता है जैसे कि उस संहिता को निरस्त नहीं किया गया हो।

(3) इस तरह के निरसन के बावजूद, उक्त संहिता के तहत किया गया कोई भी काम या कोई कार्रवाई इस संहिता के संबंधित प्रावधानों के तहत की गई या की गई मानी जाएगी।

(4) उप-धारा (2) में विशेष मामलों का उल्लेख निरसन के प्रभाव के संबंध में सामान्य खंड अधिनियम, 1897 की धारा 6 के सामान्य अनुप्रयोग पर प्रतिकूल प्रभाव डालने या प्रभावित करने वाला नहीं माना जाएगा।

5/5 – based on (8615120 votes)