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BNS Section 354 in Hindi
व्यक्ति को यह विश्वास दिलाने के लिए प्रेरित करने के कारण किया गया कार्य कि उसे दैवीय अप्रसन्नता का पात्र बना दिया जाएगा
जो कोई किसी व्यक्ति को स्वेच्छा से ऐसा कुछ करने के लिए प्रेरित करता है या ऐसा करने का प्रयास करता है जिसे करने के लिए वह व्यक्ति कानूनी रूप से बाध्य नहीं है, या ऐसा कुछ करने से चूक जाता है जिसे करने का वह कानूनी रूप से हकदार है, उस व्यक्ति को यह विश्वास दिलाने के लिए प्रेरित या प्रेरित करने का प्रयास करता है कि वह या कोई व्यक्ति जिससे वह हितबद्ध है, अपराधी के किसी कार्य के कारण दैवीय अप्रसन्नता का पात्र बन जाएगा या बन जाएगा यदि वह वह कार्य नहीं करता है जिसे करने के लिए अपराधी का उद्देश्य है, या यदि वह वह कार्य करता है जिसे करने से अपराधी का उद्देश्य है, तो उसे एक वर्ष तक की अवधि के लिए कारावास या जुर्माने या दोनों से दंडित किया जाएगा।
दृष्टांत:
A, Z के दरवाजे पर इस आशय से धरना देता है कि यह विश्वास दिलाए कि ऐसा बैठने से वह Z को दैवीय अप्रसन्नता का पात्र बना देता है। A ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है। A, Z को धमकी देता है कि, जब तक Z एक निश्चित कार्य नहीं करता, A, A के अपने बच्चों में से एक को मार देगा, ऐसी परिस्थितियों में कि हत्या से यह माना जाएगा कि Z ईश्वरीय नाराजगी का पात्र बन गया है। A ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है।
BNSS वर्गीकरण
- 1 वर्ष का कारावास, या जुर्माना, या दोनों।
- गैर-संज्ञेय
- जमानती
- किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय।
BNS Section 354 in English
Whoever voluntarily causes or attempts to cause any person to do anything which that person is not legally bound to do, or to omit to do anything which he is legally entitled to do, by inducing or attempting to induce that person to believe that he or any person in whom he is interested will become or will be rendered by some act of the offender an object of Divine displeasure if he does not do the thing which it is the object of the offender to cause him to do, or if he does the thing which it is the object of the offender to cause him to omit, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to one year, or with fine, or with both.
Illustrations:
- A sits dharna at Z’s door with the intention of causing it to be believed that, by so sitting, he renders Z an object of Divine displeasure. A has committed the offence defined in this section.
- A threatens Z that, unless Z performs a certain act, A will kill one of A’s own children, under such circumstances that the killing would be believed to render Z an object of Divine displeasure. A has committed the offence defined in this section.
BNSS Classification
- Imprisonment for 1 years, or fine, or both.
- Non-cognizable
- Bailable
- Triable by Any Magistrate.
BNS धारा 354 का विस्तृत विश्लेषण (BNS Section 354 Explained in Hindi)
– ईश्वर के क्रोध का भय दिखाकर किसी को मजबूर करना एक अपराध है –
🔹 BNS Section 354 in Hindi में क्या कहती है?
बीएनएस धारा 354 एक ऐसे अपराध से संबंधित है जिसमें कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति को डराता या प्रेरित करता है यह सोचकर कि यदि वह व्यक्ति कोई कार्य करता है या नहीं करता है, तो वह या उसके कोई प्रियजन “दैवीय अप्रसन्नता” (Divine Displeasure) का शिकार हो जाएंगे।
इस धारा का उद्देश्य है कि कोई भी व्यक्ति धार्मिक या आध्यात्मिक भय दिखाकर किसी अन्य को दबाव में ना लाए।
🔹 मुख्य तत्व (Main Points of BNS Section 354 in Hindi):
मापदंड | विवरण |
---|---|
अपराध का स्वरूप | किसी व्यक्ति को दैवीय नाराज़गी का भय दिखाकर ऐसा कार्य करवाना जिसे वह कानूनी रूप से करने को बाध्य नहीं है। |
दंड | 1 वर्ष तक की कैद, या जुर्माना, या दोनों। |
प्रकृति | गैर-संज्ञेय (Non-cognizable) |
जमानत | जमानती (Bailable) |
न्यायालय | किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (Triable by any Magistrate) |
🔹 पुलिस इस धारा (BNS Section 354 in Hindi) का उपयोग कैसे करती है?
चूंकि यह एक गैर-संज्ञेय और जमानती अपराध है, इसलिए पुलिस बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति के सीधे एफआईआर दर्ज नहीं कर सकती।
यह धारा तब लागू होती है जब कोई व्यक्ति शिकायत करता है कि किसी ने उसे या उसके संबंधी को धार्मिक/दैवीय श्राप, नाराज़गी या अनिष्ट की धमकी देकर मानसिक रूप से दबाव में डालने की कोशिश की हो।
उदाहरण:
- कोई बाबा या धार्मिक व्यक्ति किसी को कहे कि “अगर तुम यह काम नहीं करोगे तो तुम्हारे घर में अनिष्ट होगा।”
- कोई व्यक्ति कहे कि “भगवान तुमसे नाराज़ हो जाएंगे अगर तुम मुझे पैसे नहीं दोगे।”
ऐसी स्थिति में पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर जांच की जाती है।
🔹 आप खुद को ऐसे मामलों से कैसे बचा सकते हैं?
- किसी भी धार्मिक या भावनात्मक धमकी को गंभीरता से लें।
- यदि आपको किसी ने “ईश्वर के प्रकोप” या “दैवीय नाराज़गी” की बात कहकर डराने की कोशिश की है, तो सबूत (ऑडियो/वीडियो/गवाह) इकट्ठा करें।
- तुरंत किसी योग्य वकील से संपर्क करें ताकि उचित कानूनी सलाह मिल सके।
- लिखित में शिकायत करने से पहले भाषा और तथ्यों को सावधानीपूर्वक प्रस्तुत करें — इसमें Advocate Sudhir Rao जैसे अनुभवी वकीलों की मदद जैसे अनुभवी वकीलों* की मदद बेहद कारगर हो सकती है।
🔹 एक अच्छे वकील की भूमिका – विशेषज्ञ दृष्टिकोण:
BNS Section 354 in Hindi जैसे संवेदनशील मामलों में एक अनुभवी वकील ही सही दिशा दिखा सकता है।
Advocate Sudhir Rao, सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले विशेषज्ञ, ने कई मामलों में यह पाया है कि अक्सर धार्मिक भावनाओं का गलत फायदा उठाकर लोगों को धमकाया जाता है।
“ऐसे मामलों में सबसे बड़ी चुनौती होती है — इरादे का प्रमाण और मानसिक दबाव का दस्तावेज़ीकरण। एक सामान्य व्यक्ति इसे समझ नहीं पाता, लेकिन कानूनी रूप से इसे स्थापित किया जा सकता है।”
(विशेषज्ञ सुझाव – अधिवक्ता सुधीर राव)
अगर आप इस धारा के अंतर्गत फँस गए हैं या किसी ने आपके खिलाफ गलत आरोप लगाया है, तो केवल Advocate Sudhir Rao जैसे अनुभवी पेशेवर ही यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपकी छवि और स्वतंत्रता सुरक्षित रहे।
🔹 निष्कर्ष (Conclusion):
BNS की धारा 354 उन मामलों को नियंत्रित करने के लिए है जहां लोग लिए है जहां लोग धार्मिक भय दिखाकर किसी को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं।
यह कानून भले ही हल्का प्रतीत हो, लेकिन यदि गलत तरीके से प्रयोग किया जाए तो यह आपके जीवन और आपके जीवन और प्रतिष्ठा को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में एक संवेदनशील, सतर्क और अनुभवी वकील की सलाह ही आपको इस जाल से बचा सकती है।
किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में तुरंत एक कानूनी विशेषज्ञ से संपर्क करें। आपकी पहली कॉल ही आपके भविष्य को सुरक्षित कर सकती है।
