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BNS Section 347 in Hindi
BNS Section 347 in Hindi – संपत्ति चिह्न की जालसाजी करना
(1) जो कोई भी किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उपयोग किए गए किसी भी संपत्ति चिह्न की नकल करेगा, उसे दो साल तक की कैद, या जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जाएगा।
(2) जो कोई किसी लोक सेवक द्वारा उपयोग किए गए किसी संपत्ति चिह्न, या किसी लोक सेवक द्वारा उपयोग किए गए किसी चिह्न की नकल करता है ताकि यह दर्शाया जा सके कि किसी संपत्ति का निर्माण किसी विशेष व्यक्ति द्वारा या किसी विशेष समय या स्थान पर किया गया है, या संपत्ति किसी विशेष की है गुणवत्ता या किसी विशेष कार्यालय से होकर गुजरा है, या कि वह किसी छूट का हकदार है, या नकली होने के बारे में जानते हुए भी ऐसे किसी भी निशान को असली के रूप में उपयोग करता है, तो उसे एक अवधि के लिए कारावास की सजा दी जाएगी जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है। और जुर्माना भी देना होगा।
BNS Section 347 in English
(1) Whoever counterfeits any property mark used by any other person shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, or with fine, or with both.
(2) Whoever counterfeits any property mark used by a public servant, or any mark used by a public servant to denote that any property has been manufactured by a particular person or at a particular time or place, or that the property is of a particular quality or has passed through a particular office, or that it is entitled to any exemption, or uses as genuine any such mark knowing the same to be counterfeit, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years, and shall also be liable to fine.
📘 BNS Section 347 in Hindi – संपत्ति चिह्न की जालसाजी करना (Counterfeiting Property Mark)
📜 BNS Section 347 in Hindi में विस्तृत विश्लेषण:
🔹 धारा 347(1):
कोई भी व्यक्ति जो किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्रयोग किए गए किसी भी संपत्ति चिह्न की नकल करता है,
उसे दो वर्ष तक की कारावास, या जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
🔹 धारा 347(2):
यदि कोई व्यक्ति:
- किसी लोक सेवक द्वारा उपयोग किए गए संपत्ति चिह्न की नकल करता है, या
- यह दर्शाने के लिए नकली चिह्न बनाता है कि कोई वस्तु किसी विशेष व्यक्ति द्वारा, किसी विशेष स्थान या समय पर बनाई गई है, या
- वस्तु किसी खास गुणवत्ता की है, या किसी विशेष सरकारी प्रक्रिया से गुज़री है, या किसी छूट के लिए पात्र है,
- और वह ऐसे नकली निशान को असली जानते हुए इस्तेमाल करता है, तो ऐसे व्यक्ति को तीन साल तक की सजा और जुर्माने दोनों का सामना करना पड़ेगा।
⚖️ मुख्य बिंदु (Main Points):
- इस धारा के अंतर्गत ब्रांड, सरकारी मुहर, ISO मार्क, BIS सर्टिफिकेशन जैसे निशानों की नकल करना अपराध है।
- आम नागरिक द्वारा प्रयुक्त चिह्न की नकल – धारा 347(1) के तहत आती है।
- सरकारी चिह्न या प्रक्रिया की नकल – धारा 347(2) के तहत गंभीर अपराध है।
- इस धारा का उद्देश्य उपभोक्ता संरक्षण, सरकारी प्रमाणिकता की रक्षा, और व्यापारिक ईमानदारी बनाए रखना है।
🚓 पुलिस इस धारा (BNS Section 347 in Hindi) का उपयोग कैसे करती है:
- अगर किसी वस्तु पर नकली सरकारी चिह्न, ब्रांड मार्क, या गुणवत्ता प्रमाणन चिह्न पाया जाता है, तो पुलिस BNS Section 347 के तहत FIR दर्ज करती है।
- यह अपराध नॉन-कॉग्निज़ेबल हो सकता है, लेकिन यदि अन्य गंभीर धाराएं जैसे 348, 349 जुड़ती हैं, तो मामला संगीन हो सकता है।
- पुलिस आमतौर पर फॉरेंसिक रिपोर्ट और ब्रांड/सरकारी एजेंसी से सत्यापन के आधार पर जांच करती है।
🛡️ अगर आप आरोपी हैं – तो क्या करें:
- सभी दस्तावेज और इनवॉइस जुटाएं जो यह सिद्ध करें कि आप जिस मार्क का उपयोग कर रहे थे वह वास्तविक था या आप जालसाजी से अनजान थे।
- ब्रांड या एजेंसी से NOC या पुष्टि पत्र लेने की कोशिश करें।
- जानबूझकर अपराध नहीं किया गया – इस बात को साबित करने के लिए परिस्थितिजन्य साक्ष्य एकत्र करें।
🔹 Advocate Sudhir Rao, जो संपत्ति चिह्न से जुड़े साइबर और ब्रांड जालसाजी मामलों के विशेषज्ञ हैं, इस प्रकार के मामलों में यह सुनिश्चित करते हैं कि:
- केस में धोखाधड़ी की मंशा का अभाव सिद्ध हो।
- FIR को रद्द कराने की याचिका दायर की जाए यदि जांच में प्रथम दृष्टया अपराध सिद्ध नहीं होता।
- साक्ष्य के आधार पर अग्रिम जमानत की रणनीति बनाई जाए।
👩⚖️ अगर आप शिकायतकर्ता हैं – तो ध्यान रखें:
- संबंधित ब्रांड/सरकारी एजेंसी से पुष्टि लें कि वह मार्क नकली है।
- FIR दर्ज करवाने से पहले डिजिटल सबूत, बिल, सैंपल इत्यादि इकठ्ठा करें।
- शिकायत करते समय स्पष्ट रूप से बताएं कि आपके उपभोक्ताओं/व्यवसाय को किस प्रकार की हानि हुई।
🔸 Advocate Sudhir Rao की राय में, शिकायतकर्ता के लिए यह आवश्यक है कि:
- पुलिस को संपत्ति चिह्न की असल और नकली प्रति दोनों दिखाएं।
- ब्रांड वैधता की जानकारी के लिए BIS, ISO या संबंधित नियामक से संपर्क करें।
⚖️ एक कुशल वकील आपकी कैसे मदद कर सकता है:
✅ अगर आप आरोपी हैं:
- आपकी तरफ से यह सिद्ध किया जाएगा कि उपकरण या चिह्न अनजाने में उपयोग किए गए, न कि किसी आपराधिक मंशा से।
- यदि चिह्न गलत साबित हो भी जाए, तब भी सजा से राहत दिलाने के लिए न्यायिक विवेक का उपयोग किया जा सकता है।
✅ अगर आप शिकायतकर्ता हैं:
- वकील यह सुनिश्चित करेगा कि साक्ष्य की प्रस्तुति मजबूत हो ताकि आरोपी को सजा मिल सके।
- सिविल क्षतिपूर्ति (डैमेज रिकवरी) की कार्यवाही भी प्रारंभ की जा सकती है।
और यही कारण है कि, इस तरह के मामलों में Advocate Sudhir Rao जैसे अनुभवी अधिवक्ता की भूमिका निर्णायक हो जाती है, जो कानूनी प्रक्रिया की बारीकियों को समझते हैं और अपने मुवक्किल को बचाने या न्याय दिलाने में माहिर हैं।
📌 निष्कर्ष:
BNS Section 347 का मकसद नकली चिह्नों के माध्यम से लोगों को गुमराह करने और बाजार को धोखे में डालने से रोकना है।
यह धारा चाहे शिकायतकर्ता हों या आरोपी – दोनों के लिए गंभीर कानूनी प्रक्रियाएं पैदा करती है, और ऐसे मामलों में सक्षम कानूनी सलाह के बिना आगे बढ़ना जोखिम भरा हो सकता है।
