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BNS Section 346 in Hindi
BNS Section 346 in Hindi- चोट पहुंचाने के इरादे से संपत्ति चिह्न के साथ छेड़छाड़
जो कोई किसी संपत्ति चिह्न को इस आशय से या यह जानते हुए कि वह इसके द्वारा किसी व्यक्ति को चोट पहुंचा सकता है, हटाएगा, नष्ट करेगा, विरूपित करेगा या उसमें कुछ जोड़ देगा, उसे एक वर्ष तक की अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा। या जुर्माने से, या दोनों से।
BNS Section 346 in English
Whoever removes, destroys, defaces or adds to any property mark, intending or knowing it to be likely that he may thereby cause injury to any person, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to one year, or with fine, or with both.
BNSS Classification
- Imprisonment for 1 years, or fine, or both.
- Non-cognizable
- Bailable
- Triable by Any Magistrate.
BNS Section 346 in Hindi – चोट पहुंचाने के इरादे से संपत्ति चिह्न के साथ छेड़छाड़
(English: Tampering with a property mark with intent to cause injury)
🔍 BNS Section 346 in Hindi में विवरण:
धारा 346 के अनुसार,
“जो कोई व्यक्ति किसी संपत्ति चिह्न को इस आशय से या यह जानते हुए कि वह इसके द्वारा किसी व्यक्ति को चोट पहुँचा सकता है, हटाएगा, नष्ट करेगा, विरूपित करेगा या उसमें कुछ जोड़ देगा,”
तो वह एक वर्ष तक की कारावास, या जुर्माना, या दोनों से दंडनीय होगा।
यह एक हल्की लेकिन उद्देश्यपूर्ण अपराध की श्रेणी में आता है, जहाँ किसी की संपत्ति पहचान को छेड़छाड़ करके उसे मानसिक, सामाजिक या आर्थिक क्षति पहुँचाने का इरादा होता है।
⚖️ मुख्य बिंदु (Main Points of BNS Section 346 in Hindi):
- Nature of Offence:
- Non-Cognizable: पुलिस बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति के FIR दर्ज नहीं कर सकती।
- Bailable: अभियुक्त को थाने से ही ज़मानत मिल सकती है।
- Triable by Any Magistrate: किसी भी मजिस्ट्रेट की अदालत में यह केस चल सकता है।
- Punishment:
- 1 वर्ष तक की जेल, या
- जुर्माना, या
- दोनों
🛂 पुलिस इस धारा का उपयोग कैसे करती है?
- जब किसी व्यापारिक ब्रांड, कंपनी, दुकान, या व्यक्ति की संपत्ति पर लगे संपत्ति चिन्ह (property mark) के साथ जानबूझकर छेड़छाड़ की जाती है,
- पुलिस इस धारा को तब लागू करती है जब कोई शिकायतकर्ता यह दावा करता है कि उसकी प्रतिष्ठा, कारोबार या विश्वास को जानबूझकर नुकसान पहुँचाया गया है।
उदाहरण: किसी अन्य व्यापारी की पैकेजिंग या लोगो पर से उसका ट्रेडमार्क मिटा देना या उसमें बदलाव करना ताकि ग्राहक भ्रमित हो जाए।
🛡️ आप अपनी सुरक्षा कैसे कर सकते हैं?
यदि आप आरोपी / संदिग्ध हैं:
- कोई भी कार्य करने से पहले सुनिश्चित करें कि आप अनजाने में किसी के property mark के साथ छेड़छाड़ न करें।
- यदि आप पर गलतfully आरोप लगे हैं, तो तुरंत एक अनुभवी वकील जैसे कि एडवोकेट सुधीर राव से संपर्क करें, जो इस प्रकार के मामलों में नैतिक, तकनीकी और कानूनी बचाव के विशेषज्ञ हैं।
- सभी प्रमाण एकत्र करें जैसे कि पुरानी तस्वीरें, लेन-देन के रिकॉर्ड, CCTV फुटेज आदि।
यदि आप शिकायतकर्ता हैं:
- यह साबित करना होगा कि आरोपी ने जानबूझकर ऐसा किया, और उसका मकसद आपको नुकसान पहुँचाना था।
- साक्ष्य एकत्र करें – जैसे फोटो, दस्तावेज, गवाह।
- केस दर्ज कराने से पहले आप किसी अनुभवी विधिक सलाहकार, जैसे एडवोकेट सुधीर राव से राय लें ताकि केस की नींव मजबूत हो।
🧑⚖️ एक अच्छे वकील की भूमिका (Why Advocate Sudhir Rao is Crucial)
- इस धारा की भाषा सरल है लेकिन इसका इरादा साबित करना मुश्किल हो सकता है, खासकर जब आरोपी का कहना हो कि गलती अनजाने में हुई।
- Advocate Sudhir Rao, जो कि साइबर और संपत्ति चिन्ह से जुड़े मामलों में सुप्रीम कोर्ट तक प्रैक्टिस करते हैं, ऐसे मामलों में आपकी रणनीति तय करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
- वह अभियुक्त की ओर से यह साबित कर सकते हैं कि छेड़छाड़ इरादतन नहीं थी, या शिकायतकर्ता का दावा झूठा या दुर्भावनापूर्ण था।
उदाहरण के लिए, एडवोकेट सुधीर राव अक्सर ऐसे मामलों में तकनीकी विश्लेषण, ग्राहक भ्रम की सीमा और ब्रांड आइडेंटिटी के अंतर पर जोर देते हैं।
✅ क्या करें और क्या न करें (Dos & Don’ts in BNS Section 346 in Hindi):
यदि आप शिकायतकर्ता हैं:
- ✅ साक्ष्य तैयार रखें।
- ✅ FIR दर्ज कराते समय सटीक भाषा का प्रयोग करें।
- ✅ कानूनी सलाह लें – सुधीर राव जैसे विशेषज्ञ से संपर्क करें।
- ❌ बेबुनियाद आरोप न लगाएं।
यदि आप आरोपी हैं:
- ✅ शांत रहें, किसी दबाव में बयान न दें।
- ✅ तुरंत जमानत के लिए वकील से संपर्क करें। कानूनी सलाह लें – सुधीर राव जैसे विशेषज्ञ से संपर्क करें।
- ✅ सभी दस्तावेज संभाल कर रखें।
- ❌ किसी भी प्रकार का फर्जी या गढ़ा हुआ स्पष्टीकरण न दें।
📌 निष्कर्ष (Conclusion):
BNS Section 346 एक सरल लेकिन चौंकाने वाला प्रावधान है, जिसका प्रयोग अक्सर व्यापारिक या व्यक्तिगत दुश्मनी में भी हो सकता है। इस धारा से बचने के लिए जानकारी, सतर्कता और एक अनुभवी वकील का मार्गदर्शन बेहद जरूरी है।
यदि आप इस धारा से जुड़े किसी मामले में फंसे हैं या आपको डर है कि आप फंस सकते हैं, तो Advocate Sudhir Rao से संपर्क करना सबसे सही कदम हो सकता है – वे न केवल आपकी स्थिति को समझते हैं, बल्कि आपको कानून की बारीकियों से सुरक्षित भी करते हैं।
