BNS 351(2) in Hindi

बीएनएस धारा 351(2) क्या है? BNS 351(2) in Hindi – धमकी की धारा में सजा (Punishment)

BNS 351(2) in Hindi

बीएनएस धारा 351 की उपधारा (2):जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के प्रियजन को जान से मारने, गंभीर चोट पहुँचाने, की धमकी देता है। उस व्यक्ति को बीएनएस की धारा 351(2) के तहत 2 वर्ष तक की कारावास (Imprisonment) की सजा व जुर्माने (Fine) से दंडित किया जा सकता है।

Below is the full Context about BNS 351(2) in Hindi


किसी व्यक्ति को धमकी देना: एक गंभीर अपराध और उससे जुड़ा कानून BNS 351(2) in Hindi

किसी व्यक्ति को धमकियाँ देना केवल नैतिक रूप से गलत नहीं है, बल्कि यह एक विधिक अपराध भी है जो सीधे तौर पर व्यक्ति की मानसिक शांति और सामाजिक सुरक्षा को प्रभावित करता है। जब कोई व्यक्ति किसी के प्रियजन को जान से मारने, गंभीर चोट पहुँचाने या किसी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने की धमकी देता है, तो यह एक संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है, जिससे भय और असुरक्षा का माहौल उत्पन्न होता है।

ऐसे मामलों से निपटने के लिए भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita – BNS) में विशेष प्रावधान किया गया है। पूर्व में इन अपराधों को IPC की धारा 503, 506 और 507 के तहत शामिल किया गया था, लेकिन अब नयी BNS में इन्हें अधिक स्पष्टता और गंभीरता के साथ बीएनएस धारा 351 के तहत परिभाषित किया गया है।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि BNS Section 351 क्या है, यह किन परिस्थितियों में लागू होती है, इसकी सजा क्या है, और इसमें ज़मानत कब मिलती है।


बीएनएस की धारा 351 क्या है और यह कब लागू होती है?

BNS Section 351 भारतीय न्याय संहिता की वह धारा है जो “आपराधिक धमकी” (Criminal Intimidation) के अपराध से संबंधित है। यदि कोई व्यक्ति आपको डराकर कोई कार्य करवाना चाहता है जिसे आप नहीं करना चाहते, या किसी वैध कार्य को करने से रोकना चाहता है, या आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाने की धमकी देता है, तो ये सभी परिस्थितियाँ धारा 351 के अंतर्गत आती हैं।


बीएनएस धारा 351 में चार उप-धाराएँ – BNS Section (1), (2), (3), (4) – BNS 351(2) in Hindi

उपधारा (1): इसमें बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को उसके सम्मान या प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की धमकी देता है। उस व्यक्ति से संबंधित कुछ ऐसी बातें सार्वजनिक करने की धमकी देता है, जिससे उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँच सकता है। ऐसे अपराध करने वाले व्यक्ति पर 351 की उपधारा(1) के तहत कार्यवाही की जाएगी।

उपधारा (2): इसमें उपधारा (1) के अपराध के लिए सजा का प्रावधान है।

उपधारा (3): यह उपधारा गंभीर धमकियों जैसे किसी को जान से मारने, चोट पहुँचाने, संपत्ति जलाने, या महिला के साथ दुर्व्यवहार की धमकी से संबंधित है।

उपधारा (4): यदि धमकी देने वाला व्यक्ति अपनी पहचान छिपाता है या अज्ञात रहता है, तो उसे BNS Section 351(4) के तहत दंडित किया जाएगा।


मुख्य बिंदु – कब लागू होती है धारा 351:

  • शारीरिक नुकसान पहुँचाने की धमकी देना।
  • डर पैदा करने वाले इशारे या व्यवहार करना।
  • हथियार दिखाना या लड़ाई का संकेत देना।
  • किसी महिला की गरिमा को नुकसान पहुँचाने की धमकी देना।
  • संपत्ति को जलाने या नष्ट करने की बात कहना।
  • अनजान नंबर से कॉल करके धमकाना।
  • सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाने वाली जानकारी को सार्वजनिक करने की धमकी देना।

उदाहरण से समझें बीएनएस धारा 351:

उदाहरण 1:

यदि एक सहकर्मी अपने साथी को प्रमोशन दिलाने के लिए उसकी निजी बातों को सार्वजनिक करने की धमकी देता है, तो यह BNS 351(1) के तहत अपराध है।

उदाहरण 2:

यदि कोई व्यक्ति अपने पड़ोसी को उसकी पत्नी को नुकसान पहुँचाने या घर जलाने की धमकी देता है, तो यह BNS 351(3) के तहत गंभीर अपराध है।

उदाहरण 3:

यदि किसी को बार-बार अज्ञात नंबर से धमकी दी जाती है और पहचान छिपाई जाती है, तो यह BNS 351(4) के तहत दंडनीय अपराध है।


BNS 351(2) in Hindi के अंतर्गत सजा:

BNS 351(2):

351(1) के तहत दोषी पाए जाने पर अधिकतम 2 वर्ष की कारावास और जुर्माने का प्रावधान है।

BNS 351(3):

गंभीर धमकियों (जैसे जान से मारने, महिला से दुर्व्यवहार, संपत्ति को नुकसान) पर 7 वर्ष तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।

BNS 351(4):

अज्ञात व्यक्ति द्वारा धमकी देने पर 2 वर्ष की अतिरिक्त सजा दी जा सकती है, जो उपधारा (1) की सजा के अतिरिक्त होगी।


अन्य संबंधित धाराएं जो साथ में लग सकती हैं:

  • BNS 126 – गलत तरीके से रोकना
  • BNS 108 – आत्महत्या के लिए उकसाना
  • BNS 331 – जबरन घर में घुसना
  • BNS 352 – किसी का अपमान करना

BNS 351(2) in Hindi में ज़मानत कब और कैसे मिलती है?

बीएनएस की धारा 351 एक गैर-संज्ञेय (Non-Cognizable) व ज़मानती (Bailable) अपराध है। अधिकतर मामलों में अभियुक्त को ज़मानत मिल जाती है। हालांकि यदि मामला गंभीर धमकी से संबंधित है (जैसे जान से मारने की धमकी), तो अदालत जमानत खारिज भी कर सकती है।


निष्कर्ष:

यदि आपको किसी ने धमकी दी है, या आपके खिलाफ इस धारा के अंतर्गत केस दर्ज हुआ है, तो यह आवश्यक है कि आप त्वरित रूप से एक अनुभवी वकील से सलाह लें। सही कानूनी मार्गदर्शन और समय पर कार्रवाई आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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